इस ' जिस्मानी दौर' में रूहानी इश्क़ की चाह मिली जिसे.. लगता ऐसा जैसे खुदा से खुद की लकीरें मिली जिसे.... गलत वो नही गलत मैं हूँ.. "मैं और मेरी बिन माँगी हुई रूहानी मोहब्ब्त"