गली से गुज़रना नहीं छोड़ा मैंने, जो तू खिड़की से ना झाँके तो और बात है.... इंतज़ार ये सात जन्मो का हैं, जो तू मेरी राह ना ताके तो और बात है..... ये सावन वो पतझड़ सब तेरी याद दिलाते है, जो तू मेरी याद में राते ना काटे तो और बात है। ©Khyali Joshi #alonegirl