पल्लव की डायरी उजड़े वन और जंगल प्रदूष से हवा में जहर घोल डाले है विकाशवाद के वास्ते जीवन नरक बना डाले है परिन्दों के विचरने वाले आसमानो में गैसों के बवंडर बना डाले है बिगड़ता सन्तुलन धरती का तूफान और भूकम्पो से मानव जीवन पर काल के बादल मंडराने लगे है लुप्त होते बेजुबान जीवो पर नये अविष्कारों ने कहर ढा दिये है भोगवाद का अंत करो वर्ना जिंदा रहकर भी हम बुत बनने वाले है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" भोग वाद का अंत करो वर्ना हम सब बुत बनने वाले है #Darknight