White शीर्षक - सोचते हो ऐसा क्या तुम भी --------------------------------------------------------------------------- जैसा कि सोचते हैं हम। सोचते हो ऐसा क्या तुम भी।। चाहता है दिल तुम्हें जैसा। चाहते हो हमें क्या तुम भी।। जैसा कि सोचते हैं -----------------।। तारीफ हम तुम्हारी, कितनी करते हैं। और से प्यार इतना, नहीं करते हैं।। देखते हैं खूबी, जैसी तुझमें। देखते हो खूबी हममें, क्या तुम भी।। जैसा कि सोचते हैं-------------------।। करता है हमको दीवाना, हँसना यह तेरा। कितना सुंदर दिलकश है, रूप यह तेरा।। आते हैं जैसे ख्वाब, तुम्हारे हमको।। देखते हो हमारे ख्वाब, क्या तुम भी।। जैसा कि सोचते हैं----------------------।। मानते हैं तुमको हम, बहारे- खुशी। करीब पाकर दिल भी, होता है हसीं।। लिखते हैं खत जैसे, तुमको हम। लिखते हो हमको खत, क्या तुम भी जैसा कि सोचते हैं-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #साहित्यकार