पत्तियां टूटती हैं, पैरों तले रौंदी जाती हैं। कौन पूछता है उनसे बसंत का हाल ? या की कैसा था पतझड़ का काल ? वो तो हरापन लूटा कर हार गई, सो सुख गई। लकीरों से उसकी एक कहानी चूक गई।। ©गीतेय... #dryleaf प्रेम कविता Extraterrestrial life हिंदी कविता प्यार पर कविता कविता कोश