इस जगत मे हम किसी एक वस्तु क़े लिए किसी एक आदमी क़े आभारी नहीं है बल्कि हमें जीवन की हर शै क़े. लिए... हर क्रिया क़े लिए दुनिया की समग्र आदमशुमारी क़े प्रति हमें शुक्रगुजार होना चाहिये क्योंकि इस जगत क़े प्रत्येक प्राणी ने इस जगत को सही मायने मे एक वास्तबिक और आदर्श जगत बनाने मे अपनी सहभागिता को विनियोजित किया है और जो कुछ हमारे पास है वो "वासुदेव कुटुंबकम " वाले मंत्र की ही देन है ©Parasram Arora # वासुदेव.. कुटुंबकम........