मनुष्य क़े ह्रदय में मनुशय की आत्मा में कौनसी ज्योति जगी. हैँ जिसको हम विकास कहें.? मनुष्य क़े ह्रदय में कौनसा आनंद. सफुरित हुआ हैँ जिसको हम विकास कहे.? मनुष्य क़े भीतर क्या फलित हुआ हैँ कौनसेफूल उगे हैँजिसको हम विकास कहे? (आदमी इस तथाकथित विकास क़े नीचे समाप्त होता जा रहा हैँ ) ©Parasram Arora विकास.......