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न मैं कुछ कहूँ न तुम कुछ कहो, आरजू है मेरी दर्द म

न मैं कुछ कहूँ न तुम कुछ कहो, 
आरजू है मेरी दर्द मैं भी सहूँ, तुम भी सहो। 
अगर आगाज़ अच्छा है तो अंजाम भी अच्छा होगा, 
गर आज बदनाम हूँ, कल नाम भी अच्छा होगा। 
कल मैं भी गुमनामी में खो जाऊँगा इन्ही की तरह, 
न बदन पे कपड़े होंगे न कच्छा होगा। 
ये दुनिया मायाबी है, फिक्र, जिकृ सब छोड़ दो, 
जो होगा सब अच्छा होगा।।

©Rajesh rajak
  मेरी भावना,
rajeshrajak4763

Rajesh rajak

New Creator

मेरी भावना, #विचार

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