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चाहा है जिसे तुमने,वो भी चाहे तुम्हीं को, ईश्क़ और

चाहा है जिसे तुमने,वो भी चाहे तुम्हीं को,
ईश्क़ और इबादत में ये शर्त नहीं टिकती।

हक़ है हर किसीको अपनी खुशी चुनने का,
औरों की खुशियों से सबकी बसर नहीं होती। #चाहा है जिसे तुमने,वो भी चाहे तुम्हीं को,
#ईश्क़ और इबादत# में ये शर्त नहीं टिकती।

हक़ है हर किसीको अपनी खुशी चुनने का,
औरों की खुशियों से सबकी बसर नहीं होती।
चाहा है जिसे तुमने,वो भी चाहे तुम्हीं को,
ईश्क़ और इबादत में ये शर्त नहीं टिकती।

हक़ है हर किसीको अपनी खुशी चुनने का,
औरों की खुशियों से सबकी बसर नहीं होती। #चाहा है जिसे तुमने,वो भी चाहे तुम्हीं को,
#ईश्क़ और इबादत# में ये शर्त नहीं टिकती।

हक़ है हर किसीको अपनी खुशी चुनने का,
औरों की खुशियों से सबकी बसर नहीं होती।