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पल्लव की डायरी सिल सिला थम गया भड़ास किस पे निकालूँ

पल्लव की डायरी
सिल सिला थम गया
भड़ास किस पे निकालूँ
चलन मन की बातों का चल पड़ा है
दुसरो की अहमियत सफाई से नकारी है
एक तरफा चल पड़ा है कारवाँ
जमीनी हकीकतों पर झूठ का साया है
कहने को बहुत कुछ था जहन में
बुलडोजरों और ब्यूरोक्रेसी ने
धुंआ जनमत का निकाला है
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" जनमत का धुआं निकाला है
#baatain
पल्लव की डायरी
सिल सिला थम गया
भड़ास किस पे निकालूँ
चलन मन की बातों का चल पड़ा है
दुसरो की अहमियत सफाई से नकारी है
एक तरफा चल पड़ा है कारवाँ
जमीनी हकीकतों पर झूठ का साया है
कहने को बहुत कुछ था जहन में
बुलडोजरों और ब्यूरोक्रेसी ने
धुंआ जनमत का निकाला है
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" जनमत का धुआं निकाला है
#baatain