हा मुझे श्रृंगार पसंद है गले मे हार पसंद है पायलो की झंकार पसंद है इच्छा यही की जब से था बचपन हाथो मे कंगन चूड़ियों की खनखन पैदा तो नही हुई मै नारी फिर भी मुझे लुभाये साड़ी माथे पे बिंदी लगती प्यारी कानो मे झुमके सच कहु गर तुमसे पेहनु जब भी खुशी से चेहरा चमके रखुंगी मै भी लंबी ज़ुल्फे रोज़ नयी एक स्टाइल करके निकलूँगी सज सवर के मेरे अंदर एक औरत बस्ती है इसमे मेरी क्या गलती है क्यू दुनिया मुझपे हस्ती है हा मुझे श्रृंगार पसंद है गले मे हार पसंद है पायलो की झंकार पसंद है हा मुझे श्रृंगार पसंद है गले मे हार पसंद है पायलो की झंकार पसंद है इच्छा यही की जब से था बचपन हाथो मे कंगन चूड़ियों की खनखन