पल्लव की डायरी अंधेरो ने थाम रखी है सच्चाई की बाग डोर है अन्याय का मचा है सभी ओर शोर है हवाये जहरीली सब मिटाने के फिराक में है झूठो के हाथ मे हमारी जिंदगी रोशन होने की किताब है इसलिये काली हो रही दिवाली की रात है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" दीवाली की काली रात है #Lights