गांव और शहर मेरा गांव अब गांव नहीं दिखता वो मेलजोल मेल मिलाप क्यों नहीं दिखता तरक्की के नाम पर बस चलती हैं कार और मोटरें वो बैलगाड़ी घोड़ागाड़ी वो साज ओ सामान क्यों नहीं दिखता कभी जहां पूजे जाते थे अतीथी अब उनका नामो निशान नहीं दिखता गांव शहर न दिखता मगर सच कहूं तो अब गांव गांव नहीं दिखता ©Seema Mahapatra #स्वरचितकविता #गांव_और_शहर_पार्ट_2 #इमोशन्स