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( नदी ) *नदी* अपना रास्ता खुद बनाती ना किसी के हा

( नदी )
*नदी* अपना रास्ता खुद बनाती 
ना किसी के हाथ जोड़ती
ना किसी के पैर पकड़ती
ना कोई मिन्नते करती है !

खुलकर एक बार शिव की जटा से
कलकल करके बहती जाती
गंगा बनकर मोक्ष दिलाये
गंगा जल भी वो बन जाती !

जिस रास्ते पर खुद वो मुड़ जाती
पावन वो धाम कर जाती
देकर अपना नाम कन्या को
अपने जैसा पावन कर जाती !!

©Anjali Nigam
  #नदी
anjalinigam4281

Anjali Nigam

Bronze Star
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#नदी

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