Find the Best नदी Shayari, Status, Quotes from top creators only on Gokahani App. Also find trending photos & videos aboutवैतरणी नदी क्या है, वोल्गा नदी कहाँ है, तमसा नदी कहाँ है, गोपद नदी देखना है, चिनाब नदी कहां है,
Mukesh Poonia
White नीचे गिरना सदैव पतन नहीं होता नदी पर्वतो से गिरकर सागर बन जाती है . ©Mukesh Poonia #sad_quotes नीचे #गिरना #सदैव #पतन नहीं होता #नदी #पर्वतो से गिरकर #सागर बन जाती है अच्छे विचारों आज का विचार सुप्रभात हिंदी छोटे सुविचार नये अच्छे विचार
Arjun Rawat पार्थ
Pallavi
Black ‘घर’ सा बनकर आना... हर कोई यहां नदी सा है जहां कोई हमेशा के लिए ठहर नही सकता ... मगर जो हमेशा स्थिर रह सके तुम मेरे लिए एक घर जैसे बन जाना! आज साथ हैं पर कल का पता नही ये बहती हुई किसी नदी के समान ही हैं... मगर तुम आना तो कुछ इस तरह कोई ‘घर’ सा बन कर आना.... मैं सुकून की तलाश में कहीं जाना चाहूं और तुम ‘घर’ की तरह मुझे याद आना! ©Pallavi Mamgain तुम ‘नदी’ नही , ‘घर’ सा बनकर आना poetry, love , ghar, nadi #Thinking #घर #नदी प्रेम कविता हिंदी कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता कविता
Mukesh Poonia
White कौन बताता है समुद्र का रास्ता नदी को जिस मंजिल का जुनून होता है वो मशवरा नहीं लेते . ©Mukesh Poonia #sunset_time कौन बताता है #समुद्र का रास्ता #नदी को जिस #मंजिल का #जुनून होता है वो #मशवरा नहीं लेते अनमोल विचार अच्छे विचार फोटो आज शुभ विचार शुभ प्रभात विचार हिंदी छोटे सुविचार
शब्दिता
White जैसे नदी अपनी तरलता का त्याग किए बिना अपनी सरलता को प्रबलता में बदलकर जटिल चट्टानों को भी फाड़ देती है उसी प्रकार सरल मानव को भी जटिल परिस्थितियों से निकलने के लिए सरलता को प्रबलता में परिवर्तित करना चाहिए। ©शब्दिता #sad_shayari #नदी
सिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र
Mukesh Poonia
हिम्मत मत हारो क्योंकि पहाड़ों से निकाली हुई नदी में आज तक रास्ते में किसी से नहीं पूछा कि समुद्र कितनी दूर है . ©Mukesh Poonia #lakeview #हिम्मत मत हारो क्योंकि #पहाड़ों से निकाली हुई #नदी में आज तक #रास्ते में किसी से नहीं पूछा कि #समुद्र कितनी दूर है
Sunil Kumar Maurya Bekhud
पर्वतों के बीच में नदी है मनोहर कल कल करती बह रही निरंतर निर्मल जल शीतल अथाह चंचल बदल रहा निज स्वरूप पल पल विह्वल हो निहारता अंबर छवि झांकता मेघों से इसको देखो रवि लज्जा भरी हुई प्रकृति आनंदित देख रहा है कवि होकर प्रसन्नचित ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #नदी
Sunil Kumar Maurya Bekhud
नदी बह रही है अविरल ध्वनि करती है कल कल वृक्ष खड़े हैं प्रहरी बनकर रक्षा करते हैं पल पल तट पर खड़े कतारों में बोल रहे हैं हम सबसे बेखुद तुम खिलवाड़ नहीं कर सकते करके हलचल ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #नदी
बेजुबान शायर shivkumar
// नदी के किनारे// वे नदी के किनारे पड़े रहतें हैं बिना किसी मछली के सहारे | एक भी कभी अगर मछली मिले वे सभी को बस ताकते रहतें हैं | कभी मिली तो कभी नहीं भी कहीं नदी में हो या तालाब में न मिली तो जातें है | उन मछलियों की तलाश में बस एक वो मछुआरा ही तो रहता है | उनके हाथों से कभी नहीं निकली मछली | मछुआरों की जिंदगी ही वो मछली ही है ©Shivkumar #fisherman #fishing #Nojoto // नदी के किनारे// वे #नदी के किनारे पड़े रहतें हैं बिना किसी मछली के #सहारे |
#fisherman #fishing // नदी के किनारे// वे #नदी के किनारे पड़े रहतें हैं बिना किसी मछली के #सहारे |
read more