बो हंसता है बार बार,दिन में कई कई बार, उसके मन के शहर में झांक कर तो देखो, गमों की बस्तियां बसी है हजार, फिर भी मुस्करा ता है आदमी अजीब है, इतने गमों के बीच मुस्कराहट, मै तो कहता हूं,इक बही अमीर है,उसके आगे सारी दुनिया गरीब है, उसके आगे दुनिया गरीब है,,