क्या पता था तुम हमसे दोस्ती ही तोड़ जाओगी , हमे तो बस तेरी बाहों में लिपटना अच्छा लगता था । क्या पता था तुम मेरी धड़कन ही लेकर चली जाओगी, हमे तो बस तुझे सांसो में बसना अच्छा लगता था । क्या पता था तुम हमसे दोस्ती ही तोड़ जाओगी , हमे तो तेरे करीब आकर तुम्हें गले लगाना अच्छा लगता था । कि जब भी तेरी आंख से आंसू गिरे तो सिर्फ मेरे कांधे पर, हमे तो तेरी वांहों में वांहें डालकर चलना अच्छा लगता था । क्या पता था तुम हमसे दोस्ती ही तोड़ जाओगी , हमे तो तुझसे मिलने के लिए ख़ुदा से झूठ बोलना अच्छा लगता था । क्या पता था तुम हमे आवारा कह कर चले जाओगे, हमे तो बस तुझ पगली कहना अच्छा लगता था । क्या पता था तुम हमसे रूठ ही हो जाओगी, हमे तो बस तुमसे मोहब्ब्त करना अच्छा लगता था । क्या पता था तुम हमसे दोस्ती ही तोड़ जाओगी , हमे तो बस तेरी बाहों में लिपटना अच्छा लगता था । #arzkiyahai