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पल्लव की डायरी बन्दूको के सायो में शब्द निशब्द हो

पल्लव की डायरी
बन्दूको के सायो में
शब्द निशब्द हो जाते है
ह्रदय के द्वार भय से थर्राते है
पलायन के दौर पर
गाँव शहर शर्माते है
सबके दिलो में जमीर है
उसको जीतने का क्यो,मन नही बनाते हो
अफरा तरफी का माहौल बनाकर
उजाड़ जिंदगी क्यो बनाते हो
                                  प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #WorldAsteroidDay 
उजाड़ जिंदगी क्यो बनाते है
#WorldAsteroidDay
पल्लव की डायरी
बन्दूको के सायो में
शब्द निशब्द हो जाते है
ह्रदय के द्वार भय से थर्राते है
पलायन के दौर पर
गाँव शहर शर्माते है
सबके दिलो में जमीर है
उसको जीतने का क्यो,मन नही बनाते हो
अफरा तरफी का माहौल बनाकर
उजाड़ जिंदगी क्यो बनाते हो
                                  प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #WorldAsteroidDay 
उजाड़ जिंदगी क्यो बनाते है
#WorldAsteroidDay