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खिड़की, दरवाजा और दीवार होना। मुहब्बत में किसी का

खिड़की, दरवाजा और दीवार होना।
मुहब्बत में किसी का घर-बार होना।।

जिंदगी बेहद आसान-सी लगती है।
सुख-दुःख में किसी खातिर तैयार होना।।

जब चाहो प्यारी-सी मुस्कान मिले।
बात-बात में किसी का निसार होना।।

हर पल उसका चेहरा याद आता है।
खयालों में किसी का खुशबूदार होना।।

दूरी नहीं थी कोई मजबूरी उसके लिए।
हर मौसम में किसी का दिलदार होना।।

दिन काटे अब कटते नहीं हैं अभिषेक।
बिना उसके मेरे दिल का बेजार होना।।
    -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav #GateLight
खिड़की, दरवाजा और दीवार होना।
मुहब्बत में किसी का घर-बार होना।।

जिंदगी बेहद आसान-सी लगती है।
सुख-दुःख में किसी खातिर तैयार होना।।

जब चाहो प्यारी-सी मुस्कान मिले।
बात-बात में किसी का निसार होना।।

हर पल उसका चेहरा याद आता है।
खयालों में किसी का खुशबूदार होना।।

दूरी नहीं थी कोई मजबूरी उसके लिए।
हर मौसम में किसी का दिलदार होना।।

दिन काटे अब कटते नहीं हैं अभिषेक।
बिना उसके मेरे दिल का बेजार होना।।
    -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav #GateLight