बदला मौसम, मिज़ाज बदले तकिए-गद्दों के ग़िलाफ़ बदले बदल गई फ़िज़ा, ग़िजा बदल गई नगमों-तरानों की धुन बदल गई खोला जो उसने कपाट खिड़की के बहती मंद बयार की लय बदल गई वक्त बदल गया, हालात बदल गए दिलोदिमाग के जज़्बात बदल गए तेरे आने की आहट जिंदगी में जब से हुई मेरे जीवन की मानो पूरी दिशा ही बदल गई ©Kirbadh #Freedom कविता कोश हिंदी कविता प्यार पर कविता