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परिंदों से उड़ाने कर झुकना तेरा नसीब नही अलखत्त

परिंदों से उड़ाने कर झुकना तेरा नसीब नही
 
अलखत्त हू उन लोगों से जो मेरे करीब नही

©Irfan Saeed Bulandshari
  परिंदों से उड़ाने कर
#newyear 
#Shayari  Saad Ahmad ( سعد احمد ) MAHAK kHAN,  प्रह्लाद परस्तिश ABRAR sana saadgi