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#चल पड़ा हूं में अब अनकहे सफर में तन्हा तेरी याद

#चल पड़ा हूं में अब अनकहे 
सफर में तन्हा तेरी याद को लेकर 
बस चले जा रहा हूं कोई ना कोई
दबा हुआ जज्बात लेकर 
मुमकिन नही है अब तेरा सामना
भी हो  कभी भी  जीवन में 
बस यही सोचकर चला हूं 
बेचने अपने ख्यालों को लेकर 
चल पड़ा हूं में अब अनकहे 
सफर में तन्हा तेरी याद को लेकर!

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #चल चल पड़ा हूं मैं तेरी यादों को लेकर बस यही ख्वाब लेकर
poet of saharanpur kuldeep singh Ruhela

#चल चल पड़ा हूं मैं तेरी यादों को लेकर बस यही ख्वाब लेकर poet of saharanpur kuldeep singh Ruhela #ज़िन्दगी

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