Nojoto: Largest Storytelling Platform

दिल से निकली घुटी हुई इक आवाज़ हूँ मैं जीत कर

दिल से  निकली घुटी  हुई इक आवाज़ हूँ 
मैं  जीत  कर  हारे हुए लश्कर में आज हूँ 

दुख  दर्द  कष्ट  पीड़ा  और  परेशानी  को 
बयां  न  कर सके  जो मैं वो अल्फ़ाज़ हूँ

न फेर मुझसे नजर इक जरा सी बात पर 
रिकॉर्ड तोड़ तोड़ के खुद टूटा मैं आज हूँ 

लाखों  उम्मीदें  मुझसे थी सब चूर हो गई 
दिल को सुकूँ न दिला सका मैं वो साज हूँ

सारे  चाहने  वाले  खफा  हो  गए मुझसे 
कैसे  कहूँ  मैं  खुद  से  आज  नाराज  हूँ 

अल्फ़ाज़-ए-नीरज✍🏻

©Niraj Pandey #Virat
दिल से  निकली घुटी  हुई इक आवाज़ हूँ 
मैं  जीत  कर  हारे हुए लश्कर में आज हूँ 

दुख  दर्द  कष्ट  पीड़ा  और  परेशानी  को 
बयां  न  कर सके  जो मैं वो अल्फ़ाज़ हूँ

न फेर मुझसे नजर इक जरा सी बात पर 
रिकॉर्ड तोड़ तोड़ के खुद टूटा मैं आज हूँ 

लाखों  उम्मीदें  मुझसे थी सब चूर हो गई 
दिल को सुकूँ न दिला सका मैं वो साज हूँ

सारे  चाहने  वाले  खफा  हो  गए मुझसे 
कैसे  कहूँ  मैं  खुद  से  आज  नाराज  हूँ 

अल्फ़ाज़-ए-नीरज✍🏻

©Niraj Pandey #Virat
nirajpandey9590

Niraj Pandey

New Creator
streak icon2