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जुगनू नुमा टिमटिमाते तारों को नभ मे देख मुझे

जुगनू नुमा  टिमटिमाते  तारों  को  नभ मे 
देख 
मुझे  अपनी निरर्थक. उदास  उनींदी  नींद से  बाहर  आना 
पड़ा 
और मुझे लगा  विगत काल का  आज  कुछ भी  शेष नहीं 
रहा  
क्योंकि चेतना क़े  जीवंत   अणुओं मे  विस्फोट  हो  चुका 
  था 
और मुझे  विवश होकर  यथार्थ की  धरती  पर  गिरना  पड़ा 
अच्छा  लगा  मुझे  ये  देख कर. क़ि 
एक  पारम्परिक  मनुष्य  को आज  विदा  होना  पड़ा #पारम्परिक  मनुष्य
जुगनू नुमा  टिमटिमाते  तारों  को  नभ मे 
देख 
मुझे  अपनी निरर्थक. उदास  उनींदी  नींद से  बाहर  आना 
पड़ा 
और मुझे लगा  विगत काल का  आज  कुछ भी  शेष नहीं 
रहा  
क्योंकि चेतना क़े  जीवंत   अणुओं मे  विस्फोट  हो  चुका 
  था 
और मुझे  विवश होकर  यथार्थ की  धरती  पर  गिरना  पड़ा 
अच्छा  लगा  मुझे  ये  देख कर. क़ि 
एक  पारम्परिक  मनुष्य  को आज  विदा  होना  पड़ा #पारम्परिक  मनुष्य