मेहनत कर तू डरता क्युं है, संघर्ष करने से बचता क्युं है, जान लगा दे या जाने दे, बीच भवंर में फंसता क्युं है l समय अनमोल है महत्व समझ जा, समय को व्यर्थ नष्ट करता क्युं है, आगे बढ़ अपनी शक्ति जान, खुद को कम समझता क्युं है l तू घिसेगा तब ही चमकेगा, अपनी चमक कम करता क्यूं है, बाधांए बहुत है दुनिया में, उन बाधाओं में बधंता क्युं है l छोड़ दे सारी दुनियादारी, अब उठा तू अपनी जिम्मेदारी, जिम्मेदारी से डरता क्यूँ है!!! .................................................. devesh