जो रमा धरा के कण-कण में वो मस्त मलंग सा जीता है। सबको थी जब अमृत की चाह यहाँ वो तभी हलाहल पीता है। #शून्य #शिव #महाकाल #हलाहल #कण_कण #धरा #अमृत #मलंग तस्वीर श्रोत - गूगल