परिश्रम वह चाबी है जिससे. हम अपनी हर चाहत का ताला खोल सकते हैँ सभी मज़े मे है और जीवन का मज़ा ले रहे है हम चाहे तो अपने लिए नई राहें खोज सकते हैँ अच्छा होगा हमारे. लिए कि हम दूसरों से तुलना करने छोड़ दें तब निश्चित ही हम दुनिया क़े सबसे प्रसन्न ब्यक्ति भी बन सकते है आने वाला समय हमें भी सफलता देने वाला हैइसके बाद तो हम जीवन पर्यन्त उत्सव मना सकते हैँ ©Parasram Arora परिश्रम की चाबी.......