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White #शिक्षापत्री# अग्राह्यान्नेन पक्वं यदन्नं तद

White #शिक्षापत्री#
अग्राह्यान्नेन पक्वं यदन्नं तदुदकं च न ।
जगन्नाथपुरं हित्वा ग्राह्यं कृष्णप्रसाद्यपि ।।१९।।

और जिसके हाथ से पकाया गया अन्न तथा 
जिसके पात्र का जल अग्राह्य हो 
उसका पकाया हुआ अन्न तथा उसके पात्र का
 जल श्री कृष्ण भगवान की प्रसादी या 
चरणामृत के महात्म्य से भी जगन्नाथपुरी के 
अलावा अन्य स्थान पर ग्रहण न करें ;
 जगन्नाथपुरी में जगन्नाथ जी का 
प्रसाद लेने में कोई दोष नहीं है ।।१९।।

©BABAPATHAKPURIYA
  #love_shayari  अच्छे विचारों 'अच्छे विचार' नये अच्छे विचार सुविचार इन हिंदी

#love_shayari अच्छे विचारों 'अच्छे विचार' नये अच्छे विचार सुविचार इन हिंदी #शिक्षापत्री

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