Nojoto: Largest Storytelling Platform

यूं साथ जिंदगी का,निभाता रहा हूँ मैं। एहसास ए मोहब

यूं साथ जिंदगी का,निभाता रहा हूँ मैं।
एहसास ए मोहब्बत में,गुनगुनाता रहा हूँ मैं।।
जब शाम अश्क बनकर, मेरी पलकों पे ढल गई।
चिराग यादों के,मोहब्बत में जलाता रहा हूँ मैं।।
हमदर्द और हमसफर, की अब बात छोड़िये।
एहसास उसके दिल के करीब लाता रहा हूँ मैं।।

©Shubham Bhardwaj
  #DhakeHuye #यूं #साथ #जिंदगी #का #निभाता #रंग