Nojoto: Largest Storytelling Platform

शीत ऋतु के पौष मास में,उतरायण में भास्कर जब आते हम

शीत ऋतु के पौष मास में,उतरायण में भास्कर जब आते
हम हिंदू है भाई स्वागत में,मकर संक्रांति मनाते,
क्योंकि देव लोक का दिन ,इस दिन से शुरू है होता
भगवतगीता में भी वर्णन है,दिन यह शुभ है होता,
दही चूड़ा तिल का लड्डू,सब को यहां है भाता
नया धान का नया चूड़ा, गुड़ भी नया है आता,
मकर संक्रांति में देखना भाई, कोई न रहे भूखा
थोड़ा थोड़ा बांट कर खाना, सबका मूंह हो जूठा,
अशोक वर्मा" हमदर्द*

©Ashok Verma "Hamdard"
  मकर संक्रांति की हार्दिक शुभ कामनाएं

मकर संक्रांति की हार्दिक शुभ कामनाएं #कविता

3,304 Views