पहली बार मिले और कुछ हसरतें अधूरी तुम्हारी, कुछ दास्तान अधूरे मेरे पहली बार मिले और एक अफसाना बन गया थे अजनबी से हम, अनजान से अलग अलग एक बार क्या मिले अपना याराना बन गया वो मेरी थी गजल और सुर तुम्हारे थे फिर ताल क्या मिले, हसीं तराना बन गया मैं मुस्कुराया था, पलकें झुकी फिर तुम्हारी इस तरह से कुछ आशिकी का बहाना बन गया मैंने पढ़े होंठो की थिरकन, तुमने सुनी मेरी धड़कन इशारों इशारों में दिल आशिकाना बन गया वो मेरे रास्ते में कहीं आती थी गली तुम्हारी फिर उस मोड़ पर मेरा आना जाना बन गया मेरे जज़्बातों की रंगीनी को मिली सादगी तुम्हारी और देख लो 'शजर' तुम्हारा दीवाना बन गया कुछ हसरतें अधूरी तुम्हारी, कुछ दास्तान अधूरे मेरे पहली बार मिले और एक अफसाना बन गया थे अजनबी से हम, अनजान से अलग अलग एक बार क्या मिले अपना याराना बन गया वो मेरी थी गजल और सुर तुम्हारे थे फिर ताल क्या मिले, हसीं तराना बन गया