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सुकन्या एक छोटे से गांव से शहर आई पढ़ने के लिए, जि

सुकन्या एक छोटे से गांव से शहर आई पढ़ने के लिए, जितनी पढ़ने में वो होशियार थी उतनी ही खूबसूरत मगर गरीब घर से होने के कारण शहर के कॉलेज में छात्रवृत्ति लेकर पढ़ने आई।

छात्रावास में उसके साथ दो ओर लड़की रहती थी जो अमीर परिवार से थी। सुकन्या के स्वभाव के कारण उसकी दोस्ती उन दोनो से हो गई, जहां भी जाती तीनों एक साथ जाती थी।

एक दिन वो दोनों सुकन्या को पब में लेकर गई वहां की शोर गुल में पहले तो अच्छा नहीं लगा फिर भी रुकी रही अपने दोस्तों के लिए। धीरे धीरे ऐसे ही वक्त गुजरता रहा और सुकन्या शहर के रंग में ढलने लगी।

जो सुकन्या अपनों के लिए जीती थी वो अपने लिए जीने लगी जो आदतें उसे नहीं पसंद वो भी उसे पसंद आने लगी अपने दोस्तों के साथ पब जाना शॉपिंग करना। शहर के चकाचौंध में अपने शहर आने की उद्देश्य को भी भूलने लगी।

©प्रीति प्रभा
  #प्रीतिप्रभा