हर बार कसूर होता नहीं लहरों का कश्तियों के डूब जाने में, फ़क़त बैठने का न हो सलीका तो भी कश्तियाँ डूब जातीं हैं। #शून्य #सिर्फ #फ़क़त #कश्तियाँ #लहरें #हरबार #कसूर #मनकीबातें फ़क़त = केवल या सिर्फ़