हम सब. उस खुदा क़े प्यारे परिंदे हैँ जो हमें उड़ने विचरने क़े लिए. पूरा आसमान हमारे हवाले कर देता है हम भी ज़ब भरपूर उड़ाने भरते भरते थक कर चूर हो जाते हैँ. तो लौट कर उसी क़ि धरती पर गिर कर विश्राम और निर्वाण प्राप्त कर लेते हैँ ©Parasram Arora परिंदे.......