बेटी कोई वस्तु नहीं जो करूं मैं कन्यादान, करके समर्पित दूसरे गोत्र में रखूंगा सबका मान, कहते लोग की बेटी गाय है जहां बांधों बंध जायेगी, सोच रही अगर यही तो बेटी क्या जी पाएगी, बेटी में भी वो शक्ति है जो कब्ज़ा कर रही आसमान, बेटी कोई वस्तु नहीं जो करूं मैं कन्यादान।। ©Ashok Verma "Hamdard" कन्यादान