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# जुस्तजू नहीं थी तेरी , आरजू नही | English Shayar

जुस्तजू नहीं थी तेरी , आरजू नहीं थी तेरी ...
हर शाम आँखों को... चाहते नहीं थी तेरी

तूने क्या कर डाला....तूने क्या कर डाला 
अब तो गुफ़्तगू है तेरी.... अब तो आरजू
है तेरी, 

वो शाम की एक गजल, यू तेरा मुस्कराना

जुस्तजू नहीं थी तेरी , आरजू नहीं थी तेरी ... हर शाम आँखों को... चाहते नहीं थी तेरी तूने क्या कर डाला....तूने क्या कर डाला अब तो गुफ़्तगू है तेरी.... अब तो आरजू है तेरी, वो शाम की एक गजल, यू तेरा मुस्कराना #Shayari

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