हम अक्सर उनके अपने होने का ख़्वाब सजाया करते थे, हमे क्या मालूम था वो यही ख़्वाब किसी और के लिए सजाया करती है। हम अक्सर उनकी मुस्कान पर जी जान लुटाया करते थे, हमे क्या मालूम था वो किसी और की मुस्कान पर जान लुटाया करती है। हम अक्सर अपने दिल का हाल छुपाया करते थे, वो अक्सर उस शक्स का हाल बताया करती हैं। हम अक्सर अपने ज़ख्म को हंसी में छिपाया करते थे , वो अक्सर हमारे ज़ख़्म को हंसकर बताया करती है। अक्सर बताया करती है।। हमे क्या मालूम था ?