मुसीबतों में फंसते है , साथ हमे भी फँसाते है। कर ली जो दस उठ्ठक बैठक , तो पन्द्रह हमसे भी करबाते है । कक्षा में घुसते ही , टिफ़िन टटोलते है। क्या लाई है , लंच से पहले ही खोलते है। जो कभी न हुआ पढ़ने का मूड, कक्षा से खुद ही बाहर निकल जाते है। साथ हमे भी बाहर करबाते है। थोड़े नही माना बहुत शैतान है। लेकिन फिर भी मेरी जान है। हमारे हिस्से का लंच खुद ही खा जाते है। बिना बताए अपने हिस्से की , हमारे लिए बचाते है। एग्जाम में जब होते परेशान है, तो हँसने की बजह बन जाते है । अच्छे है थोड़े ,थोड़े बुरे भी है। हा क्या हुआ जो थोड़े निक्कमे भी है। लेकिन दोस्तो को खोता कौन है? हा भले दिखाते हो वो खुद को डॉन है। लेकिन हमें पता हैं वो कौन है। फिर भी दोस्ती तो हर रिश्ते से ख़ास होती है। तभी तो ह्रदय के बहुत पास होती है। मुसीबतों में फंसते है , साथ हमे भी फँसाते है। कर ली जो दस उठ्ठक बैठक , तो पन्द्रह हमसे भी करबाते है । कक्षा में घुसते ही , टिफ़िन टटोलते है। क्या लाई है , लंच से पहले ही खोलते है।