White ज़रा सा पैर फिसला, तो इल्ज़ाम उसी चप्पल पे लगाया सबने, कभी न देखा रास्ता, जहाँ पत्थर बिछे थे बेख़ौफ़ सबने। खुद की गलती छुपाने का हुनर है इंसानों में, जो भी कमजोर दिखा, उसे ही कसूरवार बनाया सबने। बात चप्पल की नहीं, नज़रों की थी, जो गिरा, उसे संभालने की फुर्सत कहाँ थी। ज़रा सा पैर फिसला, तो इल्ज़ाम उसी चप्पल पे लगाया सबने, अपने हिस्से का सच कभी देखा ही नहीं, बस बहाना बनाया सबने। ©UNCLE彡RAVAN #hindi_poem_appreciation