संध्या की लालिमा लाल गुलाब को और भी माधुर्य दें रही है जबकि पीले नीले और गुलाबी गुलाब भी हैँ वहाँ पर जो मधुबन मे एकदूसरे को मिलनसार होने क़े गुर सिखा रहे है... औरवो... धवल गुलाब ह्रदय मे न जाने कैसी चुभन को जन्म दें रहे हैँ...... कदाचित यही है वो मीठी पीड़ा जिसे हम प्रेम कहते हैँ और जिसने मुझे निराश्रित छोड़ रखा है इस भरे पूरे जगत मे ऐक लम्बे अर्से से ©Parasram Arora गुलाब और प्रेम