ए मेरे शहर!!
मैंने तुझमें कई पहर गुज़ारे हैं
मैंने देखे हैं अपनी आशाओं के कई सूर्योदय तुझमें
ए शहर!! मैंने निराशाओं का सूर्यास्त भी देखा है तेरे संग
गुज़ारी हैं मैंने तुझमें अपनी कई आशाएं-निराशाएं
मैंने देखा है तुझे सन्नाटे से शोर की ओर बढ़ते हुए
मैं भटकी हूं तुझमें कई शिकवा और शिकायतों के साथ
मैंने ढूंढा है तुझमें अपने प्रिय का घर #love❤#कविता#nojohindi#मैं_और_मेरे_एहसास#treanding#my📓my🖋️#mera_shahar#rupaliyadav#magicalwords0903