पल्लव की डायरी धन्य बना वो,जिसके यहाँ दस्तक धन की होती है खनकती भाग्य लक्ष्मी जहाँ वहाँ रोज दीवाली धन्यतेरस होती है रुपये पैसे ही नही धन,रिश्ते भी धन होते है ईष्ट मित्रो के साथ मिलकर आनन्द मिले वह खुशी भी किसी धन से कम नही होती है सिर्फ दिखावा,स्टेटस पर इतराना वहाँ लक्ष्मी टिकाऊ नही होती है भर भर कर बाँट, संवेदनाये खरीदना वही भाग्य लक्ष्मी होती है जिसने सहेज कर रखा,वहाँ दुर्गति रुपये पैसे सोना चाँदी, अचल संपत्ति की होती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Dhanteras भर भर कर बाँट ,संवेदनाये खरीदना, वही भाग्य लक्ष्मी होती है