#MyPoetry#udharzindgi#nehakizubani.....
ऐसा अक्सर होता है हमारी ज़िंदगी, कही न कही, किसी ना किसी मोड़ पर ये वक़्त आता है जब हमारे नाम से नहीं लोग हमें हमारे सरनेम से जानना चाहते है।।
तो सरनेम उधार है ज़िन्दगी पर
या जिंदगी उधार है सरनेम पर
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कमैंट्स करके बताइये कैसी लगी ये कविता आपको,,