हुकूमत चलाने वाले को मात देना होगा कलम की स्याही से कुछ लिख लेना होगा मेरी कश्मकश वाली लिखावट का क्या? ह्रदय की बात कागज पर उतार लेना होगा आज जो हैं अंदाज कल अगर न भी हों यादें बादल की कौंध सी जिन्दगी की तो अब वक्त के चलते जख्मों को समेटना होगा जिंदादिली मेरी पंक्तियों में भले हीं न हों मगर मेरी कलम की सुगबुगाहट का क्या? इसे अपनी आदतों में तो मिला लेना होगा हँसती रहीं जिन्दगी और भटकती रही मैं आशियाना अपना हो ऐसा हर कठिनाइयों को तो डटकर आगे कंटीले रास्ते को दूर कर देना होगा शिल्पा यादव ११-०७-२०२० सर्वाधिकार सुरक्षित) #InspireThroughWriting sanJu panwar