पुरानी ही सही मेरे पास एक चादर है वही नही नही वो मेरी नही मेरे बाबा की निशानी है बहुत गर्म , बहुत नर्म सुकून से भरी इसमे मेरे दादा की ढेरों कहानी है एक खुशबू है उस चादर की सोंधी सोंधी सी आती है बहुत पुरानी है हा मालूम है उनके होने का एहसास है जो मुझे अपने सीने से लपेटे जब भी ओढ़ती हु धीरे से सरक कर पास आ जाती है ✍️रिंकी #वक़्तलगेगा #यकदीदी #यकबाबा