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पल्लव की डायरी अहंकारी होकर नर, जब अपना ही गुण गान

पल्लव की डायरी
अहंकारी होकर नर,
जब अपना ही गुण गान के लिये
 प्रसारित विज्ञापन करने लगता है
अपने उज्ज्वल चेहरे चमकाने के लिये
भगवान के समकक्ष खुद को जोड़ने लगता है
अधर्म और पापो को  सियासत से जोड़ कर
 ताना बाना राष्ट्रीय और सामाजिक तोड़ सकता है
मर्यादा से ना रहा सरोकार
छल बल से राम राज्य भी हड़प सकता है
रावण की लाखों वर्षो की बुराइयों से
उसका पुतला आज तक फूंका जाता है
जुमलो और झूठ का सहारा लेने वालों का
भूत देखो कभी भी उतर सकता है
रावणो से ज्यादा बुरी मानसिकता रखने वालों का
दहन रावण का कैसे कर  सकता है
आखिर बुराई तो बुराई है ,
तेरा मेरा पाप कहकर कोई बच नही सकता है
                                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #happydussehra कद रावण का बढ़ गया
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