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हुआ आधूनिक समाज बढ़ी आधूनिक माँग प्रिये दो वक्त क

हुआ आधूनिक समाज 
बढ़ी आधूनिक माँग प्रिये
दो वक्त कि रोटी 
दो जोरें कपड़े 
सर पर सिलन बाली छत 
अब नही रही ये पर्याप्त प्रिये 

शरिर हुआ नाजूक 
वो बाहर कि
धूल-मिट्टी 
सूरज कि गर्मी से 
काया जलती है 
AC , cooler , fridge 
कि जरूरत पड़ती है 

सड़क पे पड़े कंकड़ 
पाउँ मे बरे चूभते है 
अब दस कदम चलने से ही 
सासें आंह-भर घूटते है 
तब एक कार की जरुरत लगती है 

इस आधिनिक यूग ने 
रहन-सहन ,खान-पान ,बोल-चाल 
पैहनावे तक का रंग ढंग है बदला 
जो English मे गिटर-पिटर बोल ना पाये 
उसे दूनिया घृनित रुप से आलोचित करती है 

अब तूम ही बताओं 
कैसे करू तूम्हारा प्रेम स्वीकार? प्रिये थरथराते हाथों
से तुम्हें
दे तो दिया
ताज़ा गुलाब
कहकर 
iloveu
पर कैसे मिले उसे जवाब
हुआ आधूनिक समाज 
बढ़ी आधूनिक माँग प्रिये
दो वक्त कि रोटी 
दो जोरें कपड़े 
सर पर सिलन बाली छत 
अब नही रही ये पर्याप्त प्रिये 

शरिर हुआ नाजूक 
वो बाहर कि
धूल-मिट्टी 
सूरज कि गर्मी से 
काया जलती है 
AC , cooler , fridge 
कि जरूरत पड़ती है 

सड़क पे पड़े कंकड़ 
पाउँ मे बरे चूभते है 
अब दस कदम चलने से ही 
सासें आंह-भर घूटते है 
तब एक कार की जरुरत लगती है 

इस आधिनिक यूग ने 
रहन-सहन ,खान-पान ,बोल-चाल 
पैहनावे तक का रंग ढंग है बदला 
जो English मे गिटर-पिटर बोल ना पाये 
उसे दूनिया घृनित रुप से आलोचित करती है 

अब तूम ही बताओं 
कैसे करू तूम्हारा प्रेम स्वीकार? प्रिये थरथराते हाथों
से तुम्हें
दे तो दिया
ताज़ा गुलाब
कहकर 
iloveu
पर कैसे मिले उसे जवाब
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