मिलके ख़ुद से, ख़ुद खिलेंगे,रोशनी की छांव में सब उजाले साध लेंगे,रोशनी की छांव में कहना था यूं तो हमें, सच दोस्तों के सामने तन्हाई तन्हा बांट लेंगे, रोशनी की छांव में अपने यकीं की रहबरी में ढूंढ लेंगे मंजिलें बिन थके चलते रहेंगे, रोशनी की छांव में जब भी होगा जुल्मतों का कोई साया सामने हर सहर का साथ देंगे, रोशनी की छांव में खुशबू, रंगों में छिपी होती हैं जो सरगोशियां मुस्कान को पहचान लेंगे, रोशनी की छांव में ©सुरेश सारस्वत ...रोशनी की छांव में #rain