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जय श्री माताजी जी अनुभूति सहस्त्रार से उठती हुई ऊर

जय श्री माताजी जी
अनुभूति
सहस्त्रार से उठती हुई ऊर्जा,
मौन को स्थापित करती मेरे भीतर,
सहस्त्रार की ऊर्जा,शिखर बनाती
सदा शिव की ओर ले जाती,
समस्त चक्रों की ऊर्जा,सहस्त्रार में मिलती और शून्य में विलीन हो जाती,
सहस्त्रार की शीतल ऊर्जा हिम बन जाती,
और कैलाश पर्वत सा एहसास कराती,

©Rakhi Om
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