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आयु की अल्हड़ता को नयनों की चपलता को संयम म

आयु की अल्हड़ता को
नयनों की चपलता को
       संयम में बांधती वो अच्छी लड़की

प्रतिमानों का आदर साधे
प्रयोगों से डरती 
वो अच्छी लड़की

डरती थी स्वातंत्र्य से,अनुभूतियों से शायद,इसलिए स्वयं में पाषाण भरती 
वो अच्छी लड़की

मुखभर देवत्व मिला,और देहभर यातनाएं,
कहो कि क्या क्या धरती 
वो अच्छी लड़की 

सो अब........
रूढ़ियों को छोड़ती,प्रतिमानों को तोड़ती वो अच्छी लड़की
सीमाएं बढ़ाती,प्रयोगों को सिद्ध करती 
वो अच्छी लड़की

अर्थों का प्रतिरूपण करती,नूतन की निति वो अच्छी लड़की
स्वातंत्र्य को जीती 
वो अच्छी लड़की 

स्वस्वांस सींचन से शाखों पे खिलती वो अच्छी लड़की 
स्वयं से मिलती वो अच्छी लड़की 

हृदय को..काया को... रक्त को... रंध्र को
अपने...अपनी कही...वो अच्छी लड़की
शायद अब नही रही 
वो अच्छी लड़की
@पुष्पवृतियां

©Pushpvritiya #वोअच्छीलड़की 

आयु की अल्हड़ता को
नयनों की चपलता को
       संयम में बांधती वो अच्छी लड़की

प्रतिमानों का आदर साधे
प्रयोगों से डरती
pushpad8829

Pushpvritiya

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#वोअच्छीलड़की आयु की अल्हड़ता को नयनों की चपलता को संयम में बांधती वो अच्छी लड़की प्रतिमानों का आदर साधे प्रयोगों से डरती

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